15“ú–Ú‚ÌŒ‹‰Ê
’ƒXŠÛ—DŸI‚SꊂԂè‚R‰ñ–Ú‚Ì—DŸ‚ÍÅ‘½I
Œ¾‚Ì—tAyonechan’Ç‚¢ã‚°“Í‚©‚¸
ŽO܂͈ȉº‚Ì•ûX‚Å‚·
ŽêŒMÜF‚c‚`‚h Џ“¬ÜFhatachu@‹Z”\ÜFKintamayama
‚ ‚é‚È‚¢’P“ƃgƒbƒv‚Ì‚c‚`‚h
—²”TŽá‚àŒ’“¬‚Ìhatachu
‘f“_’á‚¢‚àŸ‚¿‰z‚µ‚½Kintamayama
‚¨‚߂łƂ¤‚²‚´‚¢‚Ü‚·
— ‚͉ŽQ‰Á‚ÌEEEi”šj
| ‡ˆÊ | ‘O“ú | —\‘z‰¤Š·ŽZ | ŽlŒÒ–¼ | — | ‡Œv | —DŸ | | › | œ | —L–³ | ‘Îí | “Á•Ê | ŽOÜ |
| 1 | 1 | ‚P‚RŸ‚Q”s | ’ƒXŠÛ |
| 703 | 100 | 180 | 70 | 70 | 90 | 100 | 63 | 30 |
| 2 | 3 | ‚P‚QŸ‚R”s | Œ¾‚Ì—t |
| 680 | 0 | 120 | 190 | 130 | 130 | 80 | 0 | 30 |
| 3 | 7 | ‚P‚QŸ‚R”s | yonechan |
| 663 | 0 | 240 | 10 | 100 | 120 | 80 | 63 | 50 |
| 4 | 2 | ‚P‚PŸ‚S”s | ‚c‚`‚h | › | 650 | 0 | 120 | 150 | 140 | 160 | 80 | 0 | 0 |
| 5 | 9 | ‚P‚PŸ‚S”s | ‘fœûšj |
| 620 | 0 | 240 | 50 | 90 | 80 | 110 | 0 | 50 |
| 6 | 8 | ‚P‚PŸ‚S”s | å‹™ŠC | › | 610 | 100 | 120 | 70 | 80 | 150 | 60 | 0 | 30 |
| 7 | 11 | ‚P‚OŸ‚T”s | ˜Q‹Ñ |
| 603 | 0 | 120 | 50 | 90 | 130 | 120 | 63 | 30 |
| 8 | 5 | ‚P‚OŸ‚T”s | ŠÖ@tH |
| 600 | 0 | 120 | 70 | 160 | 150 | 100 | 0 | 0 |
| 9 | 23 | ‚P‚OŸ‚T”s | ‘åã’i |
| 590 | 0 | 240 | 10 | 110 | 100 | 80 | 0 | 50 |
| 10 | 18 | ‚P‚OŸ‚T”s | “¡šâ | › | 590 | 0 | 240 | -30 | 90 | 140 | 100 | 0 | 50 |
| 11 | 4 | ‚P‚OŸ‚T”s | “V^ |
| 590 | 0 | 90 | 110 | 150 | 110 | 130 | 0 | 0 |
| 12 | 13 | ‚P‚OŸ‚T”s | ƒIƒbƒgƒbƒg |
| 583 | 0 | 120 | 90 | 80 | 120 | 80 | 63 | 30 |
| 13 | 25 | ‚XŸ‚U”s | ƒnƒcƒ‰ƒc |
| 580 | 0 | 240 | 10 | 70 | 110 | 100 | 0 | 50 |
| 14 | 6 | ‚XŸ‚U”s | 埆”T—m |
| 580 | 0 | 180 | 50 | 140 | 90 | 120 | 0 | 0 |
| 15 | 16 | ‚XŸ‚U”s | “Ë‚Á’£‚葾˜Y |
| 570 | 0 | 240 | 10 | 70 | 70 | 130 | 0 | 50 |
| 16 | 17 | ‚XŸ‚U”s | ‚²‚ñ‚´‚Ԃ낤 |
| 570 | 0 | 120 | 130 | 120 | 90 | 80 | 0 | 30 |
| 17 | 14 | ‚XŸ‚U”s | hatachu |
| 563 | 0 | -30 | 190 | 100 | 110 | 100 | 63 | 30 |
| 18 | 24 | ‚XŸ‚U”s | ŽR‚ÌŽR |
| 560 | 0 | 240 | -30 | 100 | 140 | 60 | 0 | 50 |
| 19 | 15 | ‚XŸ‚U”s | D¶‰ |
| 560 | 0 | 180 | 50 | 140 | 90 | 100 | 0 | 0 |
| 20 | 33 | ‚XŸ‚U”s | ’ß•P | › | 550 | 0 | 240 | 10 | 10 | 140 | 100 | 0 | 50 |
| 21 | 26 | ‚XŸ‚U”s | ‚Í‚µ |
| 550 | 0 | 150 | 110 | 120 | 80 | 60 | 0 | 30 |
| 22 | 19 | ‚WŸ‚V”s | Ѝ‘¾˜Y | › | 550 | 0 | 90 | 130 | 50 | 150 | 100 | 0 | 30 |
| 23 | 12 | ‚WŸ‚V”s | ƒrƒXƒP |
| 540 | 100 | -30 | 130 | 30 | 130 | 150 | 0 | 30 |
| 24 | 34 | ‚WŸ‚V”s | ”öŠÙ |
| 530 | 0 | 240 | -30 | 60 | 100 | 110 | 0 | 50 |
| 25 | 29 | ‚WŸ‚V”s | Œä‘‚Žie•û |
| 530 | 0 | 120 | 70 | 90 | 90 | 130 | 0 | 30 |
| 26 | 10 | ‚WŸ‚V”s | ‚΂ӂŸ |
| 530 | 0 | 90 | 70 | 150 | 110 | 110 | 0 | 0 |
| 27 | 20 | ‚WŸ‚V”s | ‰¡’¬‚̉B‹ |
| 530 | 0 | -30 | 210 | 110 | 130 | 80 | 0 | 30 |
| 28 | 22 | ‚WŸ‚V”s | ‚³‚æ‚Ò•Pô | › | 520 | 100 | 120 | 50 | 30 | 80 | 110 | 0 | 30 |
| 29 | 27 | ‚WŸ‚V”s | ‚¢‚¦ƒs[ |
| 520 | 100 | 90 | 70 | 0 | 130 | 100 | 0 | 30 |
| 30 | 39 | ‚WŸ‚V”s | ¬–Q |
| 510 | 0 | 240 | 10 | 30 | 80 | 100 | 0 | 50 |
| 31 | 36 | ‚WŸ‚V”s | ‚s‚`‚j‚` |
| 510 | 0 | 120 | 130 | 50 | 80 | 100 | 0 | 30 |
| 32 | 38 | ‚WŸ‚V”s | “y²Ž¾•— |
| 510 | 0 | 120 | 50 | 140 | 70 | 100 | 0 | 30 |
| 33 | 31 | ‚WŸ‚V”s | ƒhƒCƒcŽR |
| 503 | 0 | -30 | 150 | 100 | 110 | 110 | 63 | 0 |
| 34 | 32 | ‚WŸ‚V”s | ‚ ‚䂵‚° |
| 500 | 100 | 180 | 90 | -50 | 100 | 80 | 0 | 0 |
| 35 | 28 | ‚WŸ‚V”s | ‚Ü‚³‚ð |
| 500 | 0 | 120 | 90 | 70 | 130 | 60 | 0 | 30 |
| 36 | 21 | ‚WŸ‚V”s | Kintamayama |
| 483 | 100 | -30 | 30 | 110 | 130 | 80 | 63 | 0 |
| 37 | 35 | ‚VŸ‚W”s | ƒnƒbƒV[ |
| 480 | 0 | 120 | 30 | 100 | 110 | 120 | 0 | 0 |
| 38 | 30 | ‚VŸ‚W”s | ‚Ü‚Ý |
| 480 | 0 | 90 | 10 | 190 | 90 | 100 | 0 | 0 |
| 39 | 42 | ‚VŸ‚W”s | –ظ |
| 480 | 0 | 60 | 190 | 10 | 130 | 60 | 0 | 30 |
| 40 | 37 | ‚VŸ‚W”s | ‚è‚イ | › | 470 | 0 | -30 | 170 | 110 | 60 | 130 | 0 | 30 |
| 41 | 40 | ‚VŸ‚W”s | ‚̂肼‚¤ | › | 460 | 0 | 120 | 70 | 50 | 90 | 100 | 0 | 30 |
| 42 | 41 | ‚VŸ‚W”s | kazuma |
| 450 | 0 | 90 | 90 | 90 | 80 | 100 | 0 | 0 |
| 43 | 43 | ‚VŸ‚W”s | Bill |
| 450 | 0 | -30 | 150 | 90 | 120 | 90 | 0 | 30 |
| 44 | 45 | ‚VŸ‚W”s | ìŽu |
| 430 | 100 | 120 | -50 | 40 | 120 | 100 | 0 | 0 |
| 45 | 51 | ‚VŸ‚W”s | ƒKƒ`ƒ“ƒR |
| 430 | 0 | 120 | 110 | -50 | 120 | 100 | 0 | 30 |
| 46 | 48 | ‚VŸ‚W”s | —\‘zc | › | 410 | 100 | -30 | 10 | 110 | 120 | 100 | 0 | 0 |
| 47 | 55 | ‚VŸ‚W”s | ƒuƒ‹ƒhƒbƒO |
| 410 | 0 | 120 | 30 | 70 | 100 | 60 | 0 | 30 |
| 48 | 54 | ‚VŸ‚W”s | ‘ë—´ˆê |
| 390 | 0 | 240 | -90 | 40 | 90 | 60 | 0 | 50 |
| 49 | 52 | ‚VŸ‚W”s | –³–¼Ž |
| 390 | 0 | 120 | -90 | 140 | 120 | 100 | 0 | 0 |
| 50 | 44 | ‚VŸ‚W”s | ‚n‚f‚`‚v‚` |
| 390 | 0 | -30 | 90 | 120 | 110 | 100 | 0 | 0 |
| 51 | 53 | ‚VŸ‚W”s | ‚a‚d‚m~‚Q |
| 390 | 0 | -30 | 30 | 140 | 100 | 120 | 0 | 30 |
| 52 | 49 | ‚VŸ‚W”s | Zenjimoto |
| 380 | 0 | 120 | -50 | 100 | 110 | 100 | 0 | 0 |
| 53 | 50 | ‚UŸ‚X”s | ƒJƒY |
| 380 | 0 | 90 | -10 | 140 | 80 | 80 | 0 | 0 |
| 54 | 47 | ‚UŸ‚X”s | Š@‹» |
| 380 | 0 | -30 | 130 | 120 | 100 | 60 | 0 | 0 |
| 55 | 46 | ‚UŸ‚X”s | ‹Õ‚¿‚á‚ñ‚½ |
| 380 | 0 | -30 | 130 | 100 | 100 | 80 | 0 | 0 |
| 56 | 57 | ‚UŸ‚X”s | ƒƒ‰ƒr[ƒY |
| 360 | 0 | 120 | 90 | -30 | 90 | 60 | 0 | 30 |
| 57 | 56 | ‚UŸ‚X”s | ’·B—R‹I |
| 360 | 0 | 120 | 10 | 50 | 80 | 100 | 0 | 0 |
| 58 | 59 | ‚UŸ‚X”s | ‘åãÄŽR |
| 350 | 0 | 240 | 10 | -130 | 120 | 60 | 0 | 50 |
| 59 | 58 | ‚UŸ‚X”s | L“‡‘Š–o“} | › | 310 | 0 | 180 | 10 | -30 | 90 | 60 | 0 | 0 |
| 60 | 60 | ‚UŸ‚X”s | —D |
| 290 | 0 | 90 | -50 | -10 | 150 | 110 | 0 | 0 |
| 61 | 63 | ‚UŸ‚X”s | ‚ ‚³‚Ð |
| 270 | 0 | 30 | -50 | 110 | 110 | 70 | 0 | 0 |
| 62 | 62 | ‚TŸ‚P‚O”s | ƒr[ƒTƒ“ | › | 250 | 0 | 60 | -10 | 50 | 90 | 60 | 0 | 0 |
| 63 | 61 | ‚TŸ‚P‚O”s | à_—[ |
| 243 | 0 | -30 | -30 | 50 | 70 | 120 | 63 | 0 |
| 64 | 71 | ‚TŸ‚P‚O”s | ‚Ђ‚¶‚©‚ñ |
| 210 | 0 | -30 | 30 | -70 | 90 | 160 | 0 | 30 |
| 65 | 64 | ‚TŸ‚P‚O”s | “c‰€ƒrƒ‹401† |
| 200 | 100 | 90 | -150 | -10 | 90 | 80 | 0 | 0 |
| 66 | 67 | ‚TŸ‚P‚O”s | ‚Ă邨[ |
| 200 | 0 | 150 | 10 | -130 | 60 | 110 | 0 | 0 |
| 67 | 65 | ‚TŸ‚P‚O”s | ˆÀŒ|”TŠC | › | 200 | 0 | 90 | -70 | 30 | 90 | 60 | 0 | 0 |
| 68 | 68 | ‚SŸ‚P‚P”s | ˜_ |
| 170 | 0 | 60 | -80 | 90 | 40 | 60 | 0 | 0 |
| 69 | 69 | ‚SŸ‚P‚P”s | ‰ö‰© | › | 160 | 0 | 90 | 10 | -150 | 90 | 120 | 0 | 0 |
| 70 | 66 | ‚SŸ‚P‚P”s | •—‰_Ž™ |
| 160 | 0 | -30 | 110 | -70 | 90 | 60 | 0 | 0 |
| 71 | 70 | ‚RŸ‚P‚Q”s | ‘å”TŠCõ | › | 140 | 0 | 90 | -180 | 10 | 140 | 80 | 0 | 0 |
| 72 | 73 | ‚RŸ‚P‚Q”s | m@Kt |
| 10 | 0 | 120 | -210 | -50 | 90 | 60 | 0 | 0 |
| 73 | 72 | ‚QŸ‚P‚R”s | ‚â‚Ë‚ñ | › | -20 | 0 | -30 | -130 | 30 | 70 | 40 | 0 | 0 |
Œ‹‰Êˆê——‚Ö